Tuesday, August 4, 2009
दिल्ली का दर्द
दिल्ली भी अजीब है और उससे ज़्यादा अजीब मैं हूँ, जो यह सबकी जानी-पहचानी बात ऐसे लिख रहा हूँ, मानो मैंने कोई नयी खोज कर ली है। दिवंगत कवि वेणुगोपाल की यह कविता यहाँ इस बीच मैंने न जाने कितनी बार कितनों को सुनाई है - "जो लोग दिल्ली जा रहे हैं, वे क्या वहाँ भी जायेंगे, जहाँ दिल्ली जा रही है।" पाँच साल इस शहर में होने को आए, क्या इस बीच मैं कुछ-कुछ उस ओर नहीं गया हूँ, जहाँ दिल्ली जा रही है? सवाल अब यह है कि क्या मैं अपना कुछ ऐसा बचा पाया हूँ, जो दिल्ली की गिरफ़्त में न आया हो?
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ब्लोग्स की दुनिया में आपका स्वागत है. दिल्ली के बारे में बड़ी बात आपने कही है, जो सोचने पर विवश करती है .
ReplyDeleteमैं पिछले करीब एक साल से ब्लॉग लेखन में हूँ.
http://entertainingscience.blogspot.com/
जो की विज्ञान पर आधारित है. अभी हाल में कविताओं पर आधारित एक ब्लॉग भी मैंने शुरू किया है.
http://meenukhare.blogspot.com/
यदि समय मिले तो पधारियेगा ( हालाकि मुझे मालूम है की आप को नेट पर कविता पढना नहीं भाता .
आपके फोरम में शामिल होती रहूंगी. यह केवल परिचयात्मक टिप्पणी थी.
कृपया कमेन्ट बॉक्स से से वर्ड वेरिफिकेशन हटा दें तो सुविधा होगी .
Yours is the first comment. Thanks a lot. I tried but could not write this comment in Hindi or rather Devnagari script. How does one remove the 'word verification' from the Comment Box?
ReplyDeleteबधाई. अब बहुत कुछ पढ़ने को मिलेगा...मेरी टिप्पणी आपके ब्लॉग पर पोस्ट नहीं हो रही. वैसे अधिकतर ब्लॉग जिन पर एम्बेडेड बॉक्स हैं उन पर टिप्पणी पोस्ट नहीं हो रही. यदि टिप्पणी की सेटिंग बदल देंगें तो सुविधा होगी. शब्द-पुष्टिकरण यदि चाहें तो हटा लें,
ReplyDeleteThrough ur dashboard go to customaize option. then from setting option go to comments option. you should disable d word verification here.
ReplyDeleteTo write Hindi enable transliteration from Basics (settings )
अरे ये तो पहले ही हो चुका है!!!!!
ReplyDeleteenjoyed reading your blog.your comments on Delhi needs more elaboration to understand it better.
ReplyDeleteYour last line itself tells you have been able to preserve much.
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